Om Shree Ganeshaya Namaha! Om Sai Ram ! Om Namah
Shivaya!
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जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
उड़ना उसी दिशा में, साईं ले जाये जिस ओर है,
मोह माया की आँधी से, पतंग को हमें बचाना है,
उड़ाने वाले के संग हमें, साँची प्रीत लगाना है,
... कट कर नीचे गिर सकती है, डोर अगर कमजोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
डोर पकड़कर साईं ने, मुझे ऊँचा बहुत पहुँचाया है,
सफल हो गया जन्म मेरा, मन मेरा यह गया है,
झूम झूम कर उड़ने लगा मैं, नाचा मेरे मन का मोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
एक दिन साईं ने डोर खींची, मुझको नीचे उतार लिया,
यह क्या किया मेरे साईं ने सोच कर मैं घबरा गया,
गिला किया , में रूठ गया, मैंने मचाया बहुत शोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
उड़ता था मैं बडे मजे में, ये सोचकर मैं ऊपर ताकने लगा,
वो भी क्या दिन थे मेरे, सोच सोच के मैं तड़पने लगा,
ये क्या देख रहा हूँ नभ पे, छाई घटा घनघोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
उड़ना उसी दिशा में, साईं ले जाये जिस ओर है,
मोह माया की आँधी से, पतंग को हमें बचाना है,
उड़ाने वाले के संग हमें, साँची प्रीत लगाना है,
... कट कर नीचे गिर सकती है, डोर अगर कमजोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
डोर पकड़कर साईं ने, मुझे ऊँचा बहुत पहुँचाया है,
सफल हो गया जन्म मेरा, मन मेरा यह गया है,
झूम झूम कर उड़ने लगा मैं, नाचा मेरे मन का मोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
एक दिन साईं ने डोर खींची, मुझको नीचे उतार लिया,
यह क्या किया मेरे साईं ने सोच कर मैं घबरा गया,
गिला किया , में रूठ गया, मैंने मचाया बहुत शोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
उड़ता था मैं बडे मजे में, ये सोचकर मैं ऊपर ताकने लगा,
वो भी क्या दिन थे मेरे, सोच सोच के मैं तड़पने लगा,
ये क्या देख रहा हूँ नभ पे, छाई घटा घनघोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
बारिश आने से पहले, मेरे साईं ने मुझे बचाया है,
क्यों न जान सका मैं पहले, ये भी उसकी माया है,
हाय ! मैंने क्यों ऐसा सोचा, साईं मेरा कठोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
हाथ जोड़कर विनती है, मेरे साईं मुझपर दया करो,
जीवन की पतंग में साईं, श्रद्धा सबुरी का रंग भरो,
डोर को इतना पक्का कर दो, रहे न इसका तोड़ है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है
क्यों न जान सका मैं पहले, ये भी उसकी माया है,
हाय ! मैंने क्यों ऐसा सोचा, साईं मेरा कठोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है,
हाथ जोड़कर विनती है, मेरे साईं मुझपर दया करो,
जीवन की पतंग में साईं, श्रद्धा सबुरी का रंग भरो,
डोर को इतना पक्का कर दो, रहे न इसका तोड़ है,
जीवन एक पतंग, और साईं हाथ में डोर है
Quote of
BABA:
Though I
be no more in flesh and blood, I shall ever protect My devotees.
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OM SAI RAM.........
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